बुद्धि का खजाना
बीरबल की आर्थिक परिस्थिति साधारण सी थी. दिखने में भी बीरबल ठीक
- ठाक थे एवं उन्हे गायन कला के बारे में भी ज्यादा कुछ पता न था . इसलिये एक बार अकबर
ने भरी दरबार में बीरबल से पूछा की धन , रूप , संगीत , सौंदर्य इनमें से एक भी चीज
तुम्हारे पास नहीं है ऐसा कैसे हो सकता है .
बीरबल :- आप बिल्कुल सही कह रहे हैं महाराज ! वो क्या है जब ब्रह्मा
जी हमें प्रुथवी पर भेज रहे थे तो उन्होने
सुंदरता , धन , गायन कला , आदी का खजाना आगे रखा था परंतु बुद्धी उन्होने सबसे पीछे
रखी थी . उस वक्त आप और आपके बहुत सारे दर्बारीयों
ने आगे रखा वो खजाना लूट लिया . मैं वाहां थोडा देर से पाहुंचा था . इस्लिये उनमें
से कुछ भी ज्यादा मेरे हाथ नहीं लगा . हां लेकिन पीछे रखे उस बुद्धी के खजाने को आप
में से किसी ने हाथ नहीं लगाया था तो वो सारी की सारी मेरे हिस्से में आ गयी .
ये सुनकर बादशाह मानो मन-ही-मन कह उठे - पता नहीं किस घडी में मैने
बीरबल की खिल्ली उडाने की बात सोची .
Nice sir.good :)
ReplyDeleteAnd nice blog sir
ReplyDelete