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Thursday 21 July 2016

Akbar Beerbal Funny Stories In Hindi



                                बुद्धि का खजाना

बीरबल की आर्थिक परिस्थिति साधारण सी थी. दिखने में भी बीरबल ठीक - ठाक थे एवं उन्हे गायन कला के बारे में भी ज्यादा कुछ पता न था . इसलिये एक बार अकबर ने भरी दरबार में बीरबल से पूछा की धन , रूप , संगीत , सौंदर्य इनमें से एक भी चीज तुम्हारे पास नहीं है ऐसा कैसे हो सकता है .

बीरबल :- आप बिल्कुल सही कह रहे हैं महाराज ! वो क्या है जब ब्रह्मा जी  हमें प्रुथवी पर भेज रहे थे तो उन्होने सुंदरता , धन , गायन कला , आदी का खजाना आगे रखा था परंतु बुद्धी उन्होने सबसे पीछे रखी थी . उस वक्त आप और आपके बहुत सारे  दर्बारीयों ने आगे रखा वो खजाना लूट लिया . मैं वाहां थोडा देर से पाहुंचा था . इस्लिये उनमें से कुछ भी ज्यादा मेरे हाथ नहीं लगा . हां लेकिन पीछे रखे उस बुद्धी के खजाने को आप में से किसी ने हाथ नहीं लगाया था तो वो सारी की सारी मेरे हिस्से में आ गयी .

ये सुनकर बादशाह मानो मन-ही-मन कह उठे - पता नहीं किस घडी में मैने बीरबल की खिल्ली उडाने की बात सोची .

Akbar-Beerbal Funny Stories In Hindi


                                      बादशाह का तोता

एक बार एक फकीर ने बादशाह अकबर को एक बोलनेवाला तोता दिया . वो तोता कविताएं आदी बोलता था , इस्लिये बादशाह को वो अत्यधिक प्रिय था. उसकी देखभाल के लिये उन्होने खास एक नौकर रखा था.
  बादशाह ने नौकर को कडे निर्देश दीये थे , ' यदी तुमने मेरे प्रिय तोते के बारे कोई भी अशुभ समाचार सुनाया तो तुम्हें फांसी दे दी जायगी.
 बिचारा नौकर बहुत घबरा गया . मगर वो लाचार था. आखिर पेट का सवाल था.
.....और एक दिन सुबाह नौकर ने देखा की तोता हिल डुल नहीं रहा है . नौकर के पैरों तले जमीन ही खिसक गयी. तोता मर गया था. अब क्या होगा ? अगर मैने बादशाह को ये खबर बताई तो मुझे फांसी हो जायेगि . बेचारे के दिमाग ने ही काम करना बंद कर दिया था. तभी उसे बीरबल का खयाल आया . नौकर फ़ौरन बीरबल के घर की तरफ़ दौडा और सारा किस्सा सुनाया.
बीरबल - तुम चिंता मत करो , मैं स्वयं जाकर बादशाह से बात करता हूं.
नौकर - जी हुजुर !
बीरबल बादशाह के पास आकर कहते हैं - हुजुर आपका वो प्रिय तोता है ना वो वो .....
अकबर - क्या हुआ उसे ?
बीरबल - महाराज ! वो योगी बन गया है . आंखें बंद करके ध्यान कर रहा है . ना पंख फड़फडा रहा है , ना कुछ बोल रहा है , बिल्कुल साधुओं की तरह मौन धारण कर बैठा है .
  ये सुनकर बादशाह चकित हो गये. वो बीर्बल को लेकर पिंजरे के पास आ गये.
अकबर :- तुम खुद को इतना होशियार समझते हो और इतना भी नहीं समझ पाये तोता मर चुका है . सीधे सीधे आकर कहते ना की तोता मर गया है .
बीरबल :- महाराज आपने ही तो कहा था की तोते के बारे में अशुभ समाचार सुनाया तो फांसी दे दी जायेगी . अब एक तोते के लिये अपनी जान जोखिम में कौन डालेगा ?
   
     बादशाह को अपनी भूल का अहसास हुआ और उन्हिने नौकर की जान बक्ष दी .