Kaisa ho hamara Najariyaa ( Inspirational Article in Hindi )
एक बार दो मित्र घूमने जा रहे थे रास्ते में उन्होने देखा की कुछ छोटे बचचे एक आम के पेड़ को पत्थर से मार रहे थे तो एक दोस्त बोल देख बेचारे गुन्गे पेड़ की अवस्था कितने पीले - पीले रसदार फल देता है ये हमे हम ना कभी इसे खाद-पानी देते हैं ना कभी इसे मौसम की मार से बचाते हैं फिर भी ये सब कुछ सहकर यहा तक की हमारे पत्थर खाकर भी हमे मीठे फल देता है तभी दूसरा बोला अरे नही नही तुम बहुत भोले हो, ये आम का पेड़ बडा दुष्ट है ये पत्थर खाए बिना फल नही देता इसे पत्थर खाने की आदत हो गायि है इस पर तो डंडे से भाइ वार करना चाहीये. ठीक इसी तरह समाज में भी different different types के लोग रहते है सभी का देखने का नजरिया अलग अलग है . अब ये हम पर depend करता है की हम कैसे लोगो के साथ रहना पसंद करते हैं . महात्मा बुद्ध ने कहा है की हम जो भी है वो अपने विचारों की वजाह से हैं और हमारे विचारो पर हमारी संगत का असर होता है . इस्लिये अपने विचारों को लेकर हमेशा सचेत रहें . यदी हमे कुछ करना है या कुछ बहुत बडा करना है तो हमे हर जगाह हर बात मे सकरात्मक विचार (Positive Thoughts ) ढूढने चाहिये . मान लिजिये रास्ते पर चलते वक्त आप एक पत्थर से टकराकर कर गिर जाते हैं तो आपके मन मे दो प्रकार के खयाल आयेन्गे पहला
1 ) ये सब हमेशा मेरे साथ ही क्यो होता है, पता नही किस अंधे ने रास्ते मे ये पत्थर डालडाल दिया , हाय मुझे कितना दर्द हो रहा है ये रास्ता बनाने वाले कामचोरों ने ये पत्थर या छोड़ दीये होंगे मै जिस काम के लिये जा रहा था उसमे बाधा आ गयी etc.या
2 ) मुझे सम्भल्कर चलना चाहिये , इस छोटे accident ने मुझे बडे accident से बचने के लिये अलर्ट कर दिया , जो होता है अचछे के लिये होता है etc
अब ये आपके नजरिये पर निर्भर करता है की आप परिस्थित को कैसे देखते है यदी आप हर चीज मे Positivity ढूढते है तो यकीन मानिये आप की zindagi बहुत जल्दी बदल जायेगि . आप ऐसी चिजों को अपने पास पायेन्गे जिनके बारि मे आप कभी सोचा करते थे.
एक बार दो मित्र घूमने जा रहे थे रास्ते में उन्होने देखा की कुछ छोटे बचचे एक आम के पेड़ को पत्थर से मार रहे थे तो एक दोस्त बोल देख बेचारे गुन्गे पेड़ की अवस्था कितने पीले - पीले रसदार फल देता है ये हमे हम ना कभी इसे खाद-पानी देते हैं ना कभी इसे मौसम की मार से बचाते हैं फिर भी ये सब कुछ सहकर यहा तक की हमारे पत्थर खाकर भी हमे मीठे फल देता है तभी दूसरा बोला अरे नही नही तुम बहुत भोले हो, ये आम का पेड़ बडा दुष्ट है ये पत्थर खाए बिना फल नही देता इसे पत्थर खाने की आदत हो गायि है इस पर तो डंडे से भाइ वार करना चाहीये. ठीक इसी तरह समाज में भी different different types के लोग रहते है सभी का देखने का नजरिया अलग अलग है . अब ये हम पर depend करता है की हम कैसे लोगो के साथ रहना पसंद करते हैं . महात्मा बुद्ध ने कहा है की हम जो भी है वो अपने विचारों की वजाह से हैं और हमारे विचारो पर हमारी संगत का असर होता है . इस्लिये अपने विचारों को लेकर हमेशा सचेत रहें . यदी हमे कुछ करना है या कुछ बहुत बडा करना है तो हमे हर जगाह हर बात मे सकरात्मक विचार (Positive Thoughts ) ढूढने चाहिये . मान लिजिये रास्ते पर चलते वक्त आप एक पत्थर से टकराकर कर गिर जाते हैं तो आपके मन मे दो प्रकार के खयाल आयेन्गे पहला
1 ) ये सब हमेशा मेरे साथ ही क्यो होता है, पता नही किस अंधे ने रास्ते मे ये पत्थर डालडाल दिया , हाय मुझे कितना दर्द हो रहा है ये रास्ता बनाने वाले कामचोरों ने ये पत्थर या छोड़ दीये होंगे मै जिस काम के लिये जा रहा था उसमे बाधा आ गयी etc.या
2 ) मुझे सम्भल्कर चलना चाहिये , इस छोटे accident ने मुझे बडे accident से बचने के लिये अलर्ट कर दिया , जो होता है अचछे के लिये होता है etc
अब ये आपके नजरिये पर निर्भर करता है की आप परिस्थित को कैसे देखते है यदी आप हर चीज मे Positivity ढूढते है तो यकीन मानिये आप की zindagi बहुत जल्दी बदल जायेगि . आप ऐसी चिजों को अपने पास पायेन्गे जिनके बारि मे आप कभी सोचा करते थे.
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